हिन्दू धार्मिक मान्यता के अनुसार, कामिका एकादशी व्रत [Kamika Ekadashi Vrat Katha 2025] को सही तरीके से करने से जीवन अच्छी खुशियां और अच्छे फल प्राप्त होते हैं। इस दिन व्रत कथा का रसपान करने से व्रत का पूरा फल प्राप्त होता है। यह व्रत करने से भगवान विष्णु की असीम कृपा मिलती है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है

1. सावन महीने में कामिका एकादशी मनाई जाती है। 2. इस दिन व्रत रखने से शुभ फल और भगवान विष्णु की असीम कृपा मिलती है। 3. एकादशी के दिन व्रत कर और , इससे व्रत पूर्ण और फलदायी होता है। |
हर माह कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को यह व्रत किया जाता है और इस व्रत में भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने का विधि- विधान है। हिन्दू शास्त्रों में कामिका एकादशी का अपन ही एक विशेष महत्व बताया गया है। वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन माह के कृष्ण पक्ष में कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi Vrat Katha in Hindi) मनाई जाती है। और इस बार कामिका एकादशी व्रत [Kamika Ekadashi Vrat Katha 2025] 21 जुलाई को किया जा रहा है।
सनातनी मान्यता है कि कामिका एकादशी व्रत करने से जीवन में सफलता और सुख की प्राप्ति मिलती है और भगवान विष्णु अपने हर भक्त की सभी इच्छाएं पूरी करते हैं। व्रत का पूरा फल पाना चाहते हैं, तो सच्चे मन से पूजा करें और भगवन पर अपना पूर्ण विश्वास बनाये रखे और हा व्रत की कथा जरूर सुने .

कामिका एकादशी 2025 शुभ मुहूर्त (Kamika Ekadashi 2025 Shubh Muhurt)
कामिका एकादशी का शुभ मुहूर्त की शुरुआत- 21 जुलाई को दोपहर 12 बजकर 12 मिनट पर है
कामिका एकादशी तिथि का समापन- 21 जुलाई को सुबह 09 बजकर 38 मिनट पर है
कामिका एकादशी व्रत कथा (Kamika Ekadashi Vrat Katha 2025 )
कामिका एकादशी का व्रत [Kamika Ekadashi Vrat Katha 2025] हिंदू मान्यताओं के अनुसार श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है यह व्रत भगवान विष्णु जी को समर्पित है और लोग इसे श्रद्धा भाव से रखते हैं और इस व्रत को सभी पापों का नाश करने वाला माना जाता है और इस व्रत की कथा को भगवान श्री कृष्ण ने स्वयं धर्मराज युधिष्ठिर को सुनाया था पौराणिक कथा के अनुसार प्राचीन काल में एक गांव में एक वीर नाम का व्यक्ति था लेकिन वह बहुत ही क्रोधी स्वभाव का ठाकुर रहता था
एक दिन उसका किसी ब्राह्मण से किसी बात पर झगड़ा होने के कारण उसने क्रोध में आकर उस ब्राह्मण की हत्या कर दी उसे ब्रह्म हत्या का पाप लगा और वह बहुत ही दुखी हुआ और समाज ने उसका बहिष्कार करना शुरू कर दिया अपने इस पाप के निवारण के लिए वह एक मुनि के पास गया और उनसे उपाय पूछा तो मुनि ने उसे बताया कि श्रावण मास के कृष्ण पक्ष में आने वाले कामिका एकादशी का व्रत करने से बड़े से बड़ा पाप नष्ट हो जाता है उन्होंने ठाकुर को पूरी श्रद्धा और विधि विधान से यह व्रत करने की सलाह दी
ठाकुर ने मुनि के कहे अनुसार कामिका एकादशी का व्रत सच्चे मन से रखा उसने दिन भर निराहार रहकर भगवान विष्णु जी की पूजा अर्चना की और उन्हें तुलसी दल अर्पित किया रात में भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए उसने जागरण किया भगवान विष्णु ने व्रत के प्रभाव से रात्रि में ठाकुर को सपने में दर्शन देकर उसे ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्त कर दिया
इस व्रत के प्रभाव से उस व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो गए और उसे मोक्ष का मार्ग भी मिला इसलिए कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति सच्चे मन से कामिका एकादशी का व्रत [Kamika Ekadashi Vrat Katha 2025] करता है उसे सभी पापों से मुक्ति मिलती है और उसके सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं