देश की सबसे जानी-मानी कंपनी, टाटा, एक और बहुत बड़ी डील करने की तैयारी में है। इस बार उनकी नज़र इटली की एक ट्रक बनाने वाली कंपनी पर है। यह टाटा मोटर्स (जो टाटा की कारें और ट्रक बनाती है) के लिए अब तक की सबसे बड़ी खरीदारी होगी। यह टाटा मोटर्स (जो टाटा की कारें और ट्रक बनाती है) के लिए अब तक की सबसे बड़ी खरीदारी होगी।

देश का सबसे बड़ा बिजनेस ग्रुप, टाटा, एक और बड़ा धमाका करने की तैयारी में है। खबर है कि टाटा मोटर्स, जो टाटा की कारें और ट्रक बनाती है, इटली की एक मशहूर ट्रक कंपनी ‘Iveco’ को खरीदने जा रही है। यह सौदा बहुत बड़ा है – करीब 4.5 बिलियन डॉलर (लगभग 37,000 करोड़ रुपये) का हो सकता है। अगर यह डील पक्की होती है, तो यह टाटा ग्रुप के इतिहास की दूसरी सबसे बड़ी खरीदारी होगी। (सबसे बड़ी खरीदारी 2007 में ‘कोरस’ कंपनी की थी)। गाड़ियों की दुनिया में तो यह टाटा मोटर्स की अब तक की सबसे बड़ी डील होगी। आपको याद होगा कि टाटा ने 2008 में लग्जरी कारें बनाने वाली कंपनी ‘जगुआर लैंड रोवर’ (JLR) को खरीदा था, जो 2.3 बिलियन डॉलर का सौदा था। यह नई डील उससे भी लगभग दोगुनी बड़ी होगी
सूत्रों के मुताबिक , टाटा की ये बड़ी डील आज ही फाइनल हो सकती है। इसका पक्का ऐलान आज किसी भी वक्त किया जा सकता है। टाटा मोटर्स और इटली की Iveco कंपनी के जो सबसे बड़े अधिकारी हैं, वे आज इस सौदे पर आखिरी मुहर लगाने के लिए मीटिंग कर रहे हैं इस कंपनी का सबसे बड़ा हिस्सा (27.1%) एक ‘Agnelli’ परिवार के पास है (उनकी कंपनी का नाम एग्जोर है)। टाटा सबसे पहले इसी परिवार से उनका हिस्सा खरीदेगी। क्योंकि इस परिवार के पास सबसे ज्यादा वोटिंग पावर (43.1%) है, मतलब कंपनी में फैसले लेने का सबसे ज्यादा अधिकार इन्हीं के पास है। जब सबसे बड़े मालिक से डील हो जाएगी, तो टाटा एक आम घोषणा करेगी। वह कंपनी के बाकी छोटे-छोटे हिस्सेदारों (शेयरहोल्डर्स) से कहेगी, “हम आपकी हिस्सेदारी भी खरीदना चाहते हैं।” इसे ही ‘ओपन ऑफर’ कहते हैं। टाटा पहले सबसे बड़े मालिक को मना रही है और फिर बाकी सभी को खरीदकर पूरी कंपनी पर अपना कंट्रोल करना चाहती है।

टाटा की इस सौदे की कुछ और दिलचस्प बातें
इस डील के बारे में कुछ और खास बातें भी सामने आई हैं Iveco कंपनी सिर्फ आम ट्रक ही नहीं, बल्कि फौज के लिए भी गाड़ियां (डिफेंस बिज़नेस) बनाती है। लेकिन टाटा ने साफ कर दिया है कि उसे सिर्फ ट्रक वाले बिजनेस में दिलचस्पी है। फौज वाला हिस्सा इस सौदे में शामिल नहीं होगा। जैसे ही यह खबर फैली, बाजार में हलचल मच गई। मंगलवार को Iveco के शेयर अचानक 7.4% तक महंगे हो गए। असल में, इस साल इस कंपनी के शेयर की कीमत पहले ही दोगुनी हो चुकी है, जिससे कंपनी का मूल्य 6.15 बिलियन डॉलर हो गया है। जिससे यह बहुत कीमती कंपनी बन गई है। अब सवाल उठता है कि Iveco के मालिक टाटा को ही क्यों बेचना चाहते हैं इसकी एक बड़ी वजह है दोनों ग्रुप के बीच पुराना और अच्छा रिश्ता। Iveco के मालिक (Agnelli परिवार) और टाटा ग्रुप एक-दूसरे को अच्छी तरह जानते हैं और एक-दूसरे पर भरोसा करते हैं। इसी भरोसे की वजह से माना जा रहा है कि यह डील आसानी से हो जाएगी।
टाटा की क्यों हो रही है ये डील? पुरानी दोस्ती और बड़े एक्सपर्ट्स का हाथ
इस सौदे के पीछे कुछ और भी दिलचस्प वजहें हैं, जो बताती हैं कि यह डील क्यों हो सकती है। यह कोई नई जान-पहचान नहीं है। टाटा और Iveco के मालिक (Agnelli परिवार) के बीच पुराना और गहरा रिश्ता है। आपको याद होगा, भारत में फिएट (Fiat) कारों के लिए टाटा ने इसी परिवार के साथ मिलकर काम किया था। तो, दोनों के बीच एक-दूसरे पर भरोसा पहले से ही बना हुआ है। ये Agnelli परिवार कोई छोटा-मोटा ग्रुप नहीं है, बल्कि गाड़ियों की दुनिया का बहुत बड़ा नाम है। यह वही परिवार है जिसका मशहूर स्पोर्ट्स कार फेरारी (Ferrari) में भी हिस्सा है। यह सौदा इतना बड़ा और अहम है कि इसमें दुनिया के सबसे बड़े सलाहकार लगे हुए हैं फिलहाल, इस मामले पर पूरी तरह से चुप्पी है। जब तक डील पक्की नहीं हो जाती, कोई भी कंपनी (न टाटा, न Iveco) कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। इसीलिए वे मीडिया के किसी भी सवाल का जवाब नहीं दे रहे हैं। यह बड़े सौदों में अक्सर होता है।